वर्ना बेज़्जाइती बहुत फील होगी

हमेशा सोच समझकर बोलना चाहिये,
वर्ना बेज़्जाइती बहुत फील होती है!
और जहा बात तर्क-वितर्क की हो, वहा तो पूरे सबूतों के आधार पर बोलना चाहिये,वर्ना बेज़्जाइती बहुत फील होती है !!!
अब सच का एक किस्सा सुनिये,,,
ये है एक facebook पोस्ट-
Author Jayti's Post-
mene jain dharm k bare me post dala... Na
jaini bole, na muslim, na sikh, na isaai
bole to bas Kuch hi....
samjh hi gye hoge kon
aesa kyun h ??????
mene islam k bare me likha to bhi bole to bas
vhi kuch .....
mene taslima ji ko apni fav. Bola tab bhi koi
nhi bola kuch bole to vo bhi kuch hindu
bhai ????
aesa kyun ???
problm h kya aesi jo kisi or dharm k bare me sunna-samjhna jaruri nhi samjhte ya kisi or dharm ko aese hi gira hua maante hain
kuch ????
plz reply

किसी ने रिप्लाइ नहीं दिया! लेकिन जब पोस्ट डाला-
*** इस्लाम क्या है?
ये जानने के लिये मुझे कई वेबसाइट- ब्लोग को पडना पडा, तब जो बात सामने आयी वह है ये
http://hindilekhjayati.blogspot.in/p/blog-page_99.html?m=0   ****

तब धमाकेदार बहस हुई, जबकि article में कुछ ऐसा नहीं लिखा हुआ है ! जो headline है वही अंदर है !
फ़िर डाला जैन धर्म क्या है ?
http://hindilekhjayati.blogspot.in/p/blog-page_29.html?m=0

इसपे भी बोले तो बस कुछ हिंदू भाइ आक्रमक अंदाज़ में,
फ़िर author ने पोस्ट डाला-
जरुरी है क्या हर चीज को बुरे में ही तोला जाये,
(हर चीज) अच्छा सोच के तो देखो,
सब अच्छा ही नजर आयेगा !
मैं तो जायदातर 99.9% चीजों में अच्छाई ही
ढूढती हुं, इसीलिये खुद को इस मुकाम तक शायद
इसी वज्ह से पहुचा पायि हुं !
always +ive thinking...
@uthor
फ़िर भी बहस जारी, हिंदू हिंदू ही है सब, बाकी सारे धर्म ऐसे ही हैं ! यदि आप भी link open करके पडेगे लेख तो सम्झेगे कि बेतुके लोग होगे जो बहस कर रहे थे ! साधारण बात है अगर आप किसी और धर्म के बारे में पड़ सुन नहीं सकते तो मुंह बंद रखिये लेकिन नहीं
फिर
कल सुब्ह के पेपर में आयी खबर ने जोरदार तमाचा जड़ दिया, उनलोगों के मुंह पे जो हिंदू हिंदू कर रहे थे,
वो था ये -

अब @uthor ने भी पिछले 2-3 दिन की बहस पर विराम लगाते हुए डाला ये पोस्ट कि सबको मतलब उन सभी महानभाव को बेज़्जइती का सामना करना पड़ रहा होगा ! और कुछ अपने आपको भाग्यशाली समझ रहे होगे कि बिना बज्ह की बहस मे हम शामिल नहीं हुए !!!
पोस्ट और कटाक्ष था ये
Author Jayti's post-

हद ही हो गयी ! अब पहले बोले वही जो 2 दिन से
बोल रहे थे ,,अब इसपे किसी का मुह नही खुलेगा,
जितना 2 दिन से मेरे इस्लाम और जैन धर्म के पोस्ट पर सच्चाई हज़म ना हो पाने से कुछ
हिंदू-हिंदू की, सनातन की रट लगाये भाई लोगो का खुल रहा था !
अब ये एक ही है सब हिंदू तब ऐसा भेदभाव ...
ये भी सुनो
नदी का पानी इनके लिये साफ़ कराया गया और
बाकी जेसे चाहे गंदे पानी को इस्तेमाल करके बीमार पडे या मरे !!!
और भी सुनो
शाह ने दलित संतों संग स्नान किया, भोजन किया।
सोचो संत भी दलित-ब्राह्मण होते हैं, इतनी घटिया
व्यवस्था, वरना संत तो संत है उसकी क्या जाती ?
पर नही उज्जैन में इन सबको अलग स्नान के घाट बने है रहने को अलग स्थान, खाने को अलग स्थान । सन्तों में ही भेदभाव !
वाह !!!
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इसीलिये बोल रही हु, जब भी इस तरह पोस्ट डले कोई तो पहले सोचना समझना , लोग तो बस कूद पडते है और अता-पता कुछ नही होता, न कुछ बता पाते है फिर...
अंत में मुंह की खानी पडती है !!!
फ़िर
बेज़्जाइती बहुत फील होती है!
लेखिका- जयति जैन, रानीपुर

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