मुझे जीने तो दो, बस एक बार

मुझे जीने तो दो, इक बार
बस
 एक बार इस दुनिया में आने तो दो '"
लेखिका- जयति जैन
यह कविता दैनिक जागरण अख्बार और मधु कलश कविता संग्रह में प्रकाशित हो चुकी है !


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