कविता- वो मेरा नहीं
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वो मेरा नहीं- (दिल का हाल)
मैं आज भी वेसी ही हुं, जेसी उसकी
पसंद है,
लेकिन अब वो वेसा नहीं, जेसा मुझे
पसंद है !
वो मेरा पहला प्यार है,
लेकिन मैं उसका पहला प्यार नहीं
!
मैं खुश होती हुं उसकी हसी देखकर,
वो खुश होता है, किसी और की हसी
देखकर !
मैं तो आज भी उसकी हुं, ये वो नहीं
जानता,
वो किसी और का है, ये सब जानते
हैं !
😊
लेखिका- जयति जैन
रानीपुर, झांसी उ.प्र.
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