इस्लाम क्या है? - जरा ध्यान दें

इस्लाम क्या है?

ये जानने के लिये मुझे कई वेबसाइट- ब्लोग को पडना पडा, तब जो बात सामने आयी वह है ये-

इस्लाम अरबी ज़ुबान का लफ़्ज़ है| इस लफ़्ज़ को
खोलने(सन्धि विच्छेद) पर इसका लफ़्ज़ "स ल म" जिसके माने अमन, पाकिज़गी, अपने आप को हवाले करना है|
मज़हब के लिहाज़ से इस्लाम का मतलब अपने आप को पूरी तौर पर अल्लाह के हवाले कर देना है|
इस्लाम का मतलब है शांति और मानवता से प्यार करना लेकिन इन दिनों तो दुनिया में इस्लाम को लेकर बहुत सारी गलत धारणाएं हैं। इस्लाम एक ऐसा धर्म है, जिसे लोगों ने सही समझा नहीं है, क्यों कि उन्हें इसकी मूल बातें पता नहीं हैं। इस्लाम अन्य धर्मों का आदर करता है और अन्य धर्मों के लोगों से भाईचारा में रहना सिखाता है। इस्लाम मानता है कि धर्म को लेकर किसी पर कोई दबाव नहीं है। अगर एक व्यक्ति अच्छा इंसान नहीं है तो वह अच्छा मुसलमान भी नहीं बन सकता।

केवल किसी वंश, वर्ण, जाति और किसी भूखण्ड के सम्बन्ध से न कोर्इ इस्लाम में प्रवेश कर सकता हैं और न इस सम्बन्ध के विच्छेद से कोर्इ इस्लाम से बाहर हो सकता हैं।
जो इस्लाम के सिद्धान्तों और आदेशों को मानता और उनके अनुसार चलता हैं वह मुसलमान हैं और जो उसके सिद्धान्तों को नहीं मानता और उसके आदेशों के अनुसार नही चलता वह मुसलमान नहीं हो सकता, चाहे वह किसी वंश, जाति और भूखण्ड का हो।
इस कथन को सिद्ध करने के लिए बाहरी लम्बे-चौड़े प्रमाणो की आवश्यकता नही, यह उद्देश्य इस्लाम के नाम से ही भली-भाति सिद्ध हैं, इस्लाम शब्द का अर्थ बताता हैं कि न उसका सम्बन्ध किसी विशेष व्यक्ति से हैं, न किसी विशेष जाति से न किसी विशेष देश से, इस्लाम एक स्वतंत्र शब्द हैं। इसका अर्थ हैं र्इश्वर को मान लेना, र्इश्वर के सामने सिर झुका देना, अपने को सर्वथा र्इश्वर के समर्पण में दे देना और सम्पूर्ण जीवन में उसका आज्ञाकारी बन जाना अर्थात् उसी की पूजा और बन्दगी करना और उसी के नियम और कानून के अनुसार जिन्दगी गुजारना।
माना गया है कि
इस्लाम धर्म का दावा है की दुनिया में शुरू में एक ही धर्म था और वो इस्लाम था. उस वक़्त उसकी भाषा और ,नाम अलग हो सकता है! फिर लोगों ने धर्म परिवर्तन किए और असली धर्म की छबि बदल गयी. फिर अल्लाह ने धर्म
को पुनः स्थापित किया. फिर ये होता रहा और अल्लाह अपने पैगंबरों से वापस धर्म को उसकी असली शक्ल में स्थापित करता रहा. इस सिलसिले में मोहम्मद पैगंबर अल्लाह के आखरी पैगंबर हैं, और ये इस्लाम की आखरी शक्ल है !
सलाम भी अल्लाह की विशेषताओं में से एक के रूप में जाना जाता है. एक मुस्लिम एक व्यक्ति जो अपने आप को अल्लाह की पूजा के लिए प्रस्तुत करें, इसलिए उन सभी जो परमेश्वर के मुस्लिम एकता के मूल संदेश में विश्वास कर रहा है, सब भविष्यद्वक्ताओं सहित,
एडम से, नूह, मूसा, यीशु ने मोहम्मद को (मई अल्लाह की शांति और आशीर्वाद उन पर सब सकता है)
इस्लाम के मार्गदर्शन की एक पुस्तक जिसे  कुरान कहा जाता है,
अल्लाह की शब्द - 1400 साल पहले पता चला और बाद से कभी नहीं बदला !

इस्लाम धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:
(1) इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद थे.
(2) हजरत मुहम्मद का जन्म 570 ई. में मक्का में हुआ था.
(3) हजरत मुहम्मद को 610 ई. में मक्का के पास
हीरा नाम की गुफा में ज्ञान
की प्राप्ति हुई थी.
(4) 24 सिंतबर को पैगंबर की मक्का से मदीना की यात्रा इस्लाम जगत में मुस्लिम संवत के नाम से जानी जाती है.
(5) हजरत मुहम्मद की शादी 25 साल की उम्र में खदीजा नाम की विधवा से हुई.
(6) हजरत मुहम्मद की बेटी का नाम फतिमा और दामाद का नाम अली हुसैन है.
(7) देवदूत ग्रैब्रियल ने पैगम्बर मुहम्मद को कुरान
अरबी भाषा में संप्रेषित की.
(8) कुरान इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है.
(9) पैगंबर मुहम्मद ने कुरान की शिक्षाओं का
उपदेश दिया.
(10) हजरत मुहम्मद की मृत्यु 8 जून 632 ई. को हुई. इन्हें मदीना में दफनाया गया.
(11) हजरत मुहम्मद की मृत्यु के बाद इस्लाम
शिया और सुन्नी दो पंथों में बंट गया.
(12) सुन्नी उन्हें कहते हैं जो सुन्ना में विश्वास
रखते हैं. सुन्ना हजरत मुहम्मद के कथनों और कार्यों का विवरण है.
(13) शिया अली की शिक्षाओं में विश्वास
रखते हैं और उन्हें हजरत मुहम्मद का उत्तराधिकारी मानते हैं. अली, हजरत मुहम्मद के दामाद थे.
(14) अली की सन 661 में हत्या कर दी गई थी. अली के बेटे हुसैन की हत्या 680 में कर्बला में की गई थी. इन हत्याओं ने शिया को निश्चित मत का रूप दे दिया.
(15) हजरत मुहम्मद के उत्तराधिकारी खलीफा कहलाए.
(16) इस्लाम जगत में खलीफा पद 1924 ई. तक
रहा. 1924 में इसे तुर्की के शासक मुस्तफा कमालपाशा ने खत्म कर दिया.
(17) इब्न ईशाक ने सबसे पहले हजरत मुहम्मद का जीवन चरित्र लिखा था.
(18) हजरत मुहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से मनाया जाता है.
हर धर्म कुछ कहता है,
चाहे वह हिंदू धर्म हो या इस्लाम, जैन, बौद्ध, ईसाई, सिख...
हर धर्म मानवता सिखाता है, लेकिन कुछ धार्मिक कट्टर लोगों ने वास्तविक स्वरूप को बदल डाला है !
लेखिका- जयति जैन, रानीपुर

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